मॉडल स्कूल प्राचार्य नरेंद्र नायक हुए सेवानिवृत्त, मॉडल स्कूल को बनाया मॉडल!
दमोह : मॉडल स्कूल के प्राचार्य नरेंद्र नायक 31 मई को सेवानिवृत्त हो गए। आपने अपनी सेवाएं 28 नवम्बर 1985 उ.मा.वि. बिलाई से प्रारम्भ की। JPB स्कूल में व्याख्याता पद पर कार्य करने के उपरांत 1994 में सहायक संचालक (शिक्षा) औपचारिकेत्तर व जिला शिक्षा अधिकारी (प्रभार) के उत्तरदायित्वों को भी पूर्णनिष्ठा से निभाया। हटा, पथरिया में BEO प्रभार के पश्चात बांदकपुर अशोकनगर, हिरदेपुर, किशुनगंज, MLB स्कूल दमोह प्राचार्य पद पर आपने अपनी कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दिया।
मई 2015 से आप मॉडल स्कूल दमोह को सर्वोत्कृष्ट विद्यालय के रूप में मध्यप्रदेश में प्रतिष्ठित कर रहे हैं। आपके सतत प्रयास और मार्ग दर्शन से मॉडल विद्यालय भौतिक संसाधनों से युक्त है। 2019 में सोलर पैनल द्वारा प्रतिदिन 40 यूनिट बिजली का उत्पादन और अटल टिंकरिंग लेब से विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। आपका पर्यावरण के प्रति प्रेम विद्यालय की हरियाली को देखकर लगाया जा सकता है। पूरे परिवेश में पेड़ पौधों की अप्रतिम हरीतिमा सहज ही मन मोह लेती है।
अनुशासन के साथ बच्चों से लगाव आपका सर्वविदित है। तन-मन -धन से विद्यार्थियों का सहयोग कर उनका मार्गप्रशस्त करना ये आपका स्वाभाविक गुण रहा है। कक्षाओं का भ्रमण करना बच्चों से खुलकर बातें करना, उनकी समस्यायों का समाधान करना, वहीं स्वच्छता का संदेश देने, कहीं भी पड़ें कचड़े या कागज आदि को सबके सामने उठाकर डस्टवीन में डालकर स्वच्छता के महत्व को सहज ही समझाना आपका विशिष्ट गुण रहा है।
विगत 5 वर्षों से हाईस्कूल परीक्षा परिणाम 100% और हायर सेकेंडरी 2016, 2018, 2019 में 100% शेष वर्षों में 98, 99% परिणाम आपके ही श्रम और मार्गदर्शन से सम्भव हुआ। इसलिये शासन से उत्कृष्ट सेवा सम्मान भी प्राप्त हुआ। इन सभी उपलब्धियों के प्रेरणा स्रोत बनकर आपने छात्र छात्राओं को संस्कारवान बनाने हेतु सहजयोग ध्यान के साथ कुछ मूलमंत्र भी दिए जैसे …. एक समय में एक ही काम करो, समय का सदुपयोग करो, स्वयं के साथ न्याय करो, जीवन को उत्कृष्ट बनाओ, माता पिता गुरु की सेवा और आज्ञा पालन करो, सद्गुणों को अपना आदर्श बनाओ, कम बोलो मीठा बोलो, सत्य और परिश्रम से अपना लक्ष्य प्राप्त करो
विद्यालय के प्रति आपकी निष्ठा समर्पणभाव सदैव हम सभी शिक्षकों के ह्रदय में रहेगा हम सभी धन्य हैं। जो आपके मार्गदर्शन में बहुत कुछ सीखने को प्राप्त हुआ। आपकी व्यग्रता से सभी परिचित हैं। वर्तमान कोरोना नामक इस अदृश्य शत्रु द्वारा विभाग के साथ सभी जगह बहुत ही अपूरणीय क्षति हुई।इस कारण सेवानिवृत्ति कार्यक्रम न करने का निर्णय एक उत्तम उदाहरण है। हम सभी को आज विश्वास ही नहीं हो रहा कि आपके साथ आपके निर्देशन में ये समय अविरल गति से चला गया और अब हम विदाई के उस पड़ाव पर ठहर गए। आपकी शुभेच्छाएँ सदैव हम सभी के साथ रहें कठिन परिस्थितियों में आपका मार्गदर्शन हम सभी को मिलता रहे इन्हीं शब्दों के साथ ….सादर मङ्गलमयी शुभकामनाएं
कलमकार – श्रीमती निशा असाटी, प्रभारी प्राचार्या एवं समस्त मॉडल विद्यालय परिवार, दमोह