ऐसी भी क्या मजबूरी, ऐसे भी क्या हालात, अपने ही हाथों जीवन से, क्यों धो रहे हाथ!
दमोह : नवविवाहिता या फिर कुछ वर्षों के बाद या इतने वर्षों के बाद जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती, उतने वर्ष परिवार में रहने के बाद भी अपनी जीवन लीला समाप्त करने का विचार आखिर इंसान के मन में क्यों आता है। ज्यादातर यह मामले महिलाओं के देखने में आ रहे हैं। बीते लॉकडाउन से लेकर वर्तमान लॉकडाउन तक जहां इंसान अपने जीवन को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है। ऐसे में जिले में एक नहीं अनेक मामले सामने आए हैं, जिसमें विशेष रूप से महिलाओं के द्वारा अपने हाथों अपने ही जीवन को समाप्त करने की कोशिश की गई और उनमें उनकी जान भी चली गई। सवाल यह नहीं है कि यह तो होता रहता है। सवाल यह है कि यह क्यों हो रहा है। चिंतन इस बात का है कि कोरोना के काल में जहां लोग अपने जीवन की एक एक साँस को बचाने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। लूटमार मचाने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसे हालात में इसी दमोह जिले में आगे पीछे कुछ भी ना देख कर जीवन को समाप्त कर लेना कहां की समझदारी है। एक बार फिर बटियागढ़ थाना अंतर्गत फुटेरा चौकी के तहत आने वाले गांव में एक महिला द्वारा अपना जीवन समाप्त कर लिया गया। कल ही की बात है पथरिया थाना के जेरठ चौकी में भी इसी तरह की घटना हुई।
आज क्या हुआ हादसा कल क्या हुआ था
पथरिया थाना अंतर्गत एक महिला के द्वारा अपने जीवन लीला समाप्त कर ली गई। महिला के मायके वालों ने ससुराल वालों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। शव का पोस्टमार्टम कराया गया। शव परिजनों को सौंपा गया। वहीं पुलिस मामले की जांच कर रही हैं। इस मामले की जांच अभी चल ही रही थी, कि बटियागढ़ थाना अंतर्गत आने वाली फुटेरा कला चौकी के एक और गांव में एक और महिला के द्वारा अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली गई। इस मामले पर भी पुलिस जांच कर रही है। पुलिस की जांच जारी है। जांच के बाद घटना के कारणों का खुलासा होगा। लेकिन आरोप-प्रत्यारोप के दौर चलता रहेंगा।