विवादों के निराकरण में मध्यस्थता की भूमिका महत्वपूर्ण – जज श्री श्रीवास्तव
दमोह : पक्षकारों के विवाद के निराकरण में मध्यस्थता की भूमिका महत्वपूर्ण है और मध्यस्थ कराने वाले के विवेक से समस्याएं सुलझ जाती हैं. जिससे पक्षकारों में आपसी भाई चारा और स्नेह बरकरार रहता है. उक्त आशय के विचार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव संदीप श्रीवास्तव ने एसपीएम नगर में नेमा मध्यस्थता केंद्र के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए. इसके पूर्व प्रशिक्षित मध्यस्थ राजीव कुमार नेमा एडवोकेट ने अतिथियों का पुष्पहारों से स्वागत किया. इस मौके पर अपर जिला सत्र न्यायाधीश पूरन सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि पक्षकारों में आपसी सुलह से उनका धन एवं समय की बचत होती है. जिससे उन्हें संतुष्टि प्राप्त होती है. जिला विधिक सहायता अधिकारी श्रीमती गुंता डांगे ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से लोगों के विवाद आपसी सुलह से मध्यस्थता के माध्यम से निराकरण हो रहे हैं और विधिक सेवा प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं से लोग लाभान्वित हो रहे हैं. प्रशिक्षित मध्यस्थ राजीव कुमार नेमा एडवोकेट ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि मध्यस्थता के लिए बढ़ाओ हाथ पाओ सुख शांति का हाथ के स्लोगन से आरंभ किया.
आभार किशोरी लाल ताम्रकार एडवोकेट ने माना. इस अवसर पर भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य प्रबंधक सुधाकर मोसिक, राजेंद्र कुमार जैन, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष पंकज खरे , जितेंद्र अवस्थी, आजाद चौरसिया, गौरव साकी, अनुज पांडे, शशांक नेमा सहित गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही.