भाजपा ने उपचुनाव तैयारी में फिर बाजी मारी, मंत्री गोपाल भार्गव को मिली बड़ी जिम्मेदारी!
दमोह : भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय के द्वारा मध्यप्रदेश में आगामी उपचुनाव के लिए तैयारी पर तैयारी जारी है. भारतीय जनता पार्टी के संगठन लगातार दमोह विधानसभा सीट के उप चुनाव की तैयारी में उतर गया है. ऐसे में जहां सबसे पहले उपचुनाव के लिए प्रभारी की नियुक्ति की गई, तो वही एक और बड़ा फैसला मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा लिया गया है. जिससे आगामी दिनों में दमोह में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को मजबूती दी जा सके, वही दूसरी ओर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों द्वारा अभी तक आगामी उपचुनाव के लिए किसी भी तरह की तैयारी का खुलासा नहीं किया गया है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की मजबूत तैयारी की बात तो कही जा सकती है.
कद्दावर मंत्री को बनाया दमोह जिले का प्रभारी मंत्री
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के लगातार कई वर्षों से कद्दावर मंत्री रहे, बुंदेलखंड के भाजपा के कद्दावर नेता, दमोह जिले की सीमा से लगी विधानसभा के विधायक पंडित गोपाल भार्गव को दमोह जिले का प्रभारी मंत्री बनाया गया है. गोपाल भार्गव को प्रभारी मंत्री बनाए जाने के पीछे आगामी दिनों में दमोह विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत पर मुहर लगाना देखा जा रहा है. क्योंकि पंडित गोपाल भार्गव चुनावी प्रबंधन में महारथी माने जाते हैं. बीते उपचुनाव में भी उनके प्रबंधन में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया था. ऐसे में उनकी विधानसभा से लगी दमोह विधानसभा में होने वाले चुनाव में भाजपा की जीत के प्रति पूरी तरह से पूरी ताकत झोंकना चाहती है. ऐसे में पंडित गोपाल भार्गव को दमोह जिले का प्रभारी मंत्री बनाया जाना, निश्चित ही भाजपा की मजबूत और रणनीति का हिस्सा कहा जा सकता है.

भूपेंद्र सिंह को बनाया गया है उपचुनाव का प्रभारी
आगामी विधानसभा उपचुनाव की तैयारी में पहला कदम बढ़ाते हुए मध्य प्रदेश भाजपा आलाकमान द्वारा बुंदेलखंड के ही प्रभावी भाजपा नेता शिवराज सरकार के मंत्री नगरीय प्रशासन विभाग संभालने वाले भूपेंद्र सिंह को उप चुनाव का प्रभारी बनाया गया है. इसकी घोषणा चंद दिन पहले की गई थी. भूपेंद्र सिंह भी चुनावी प्रबंधन में महारथ हासिल किए हुए हैं. ऐसे में उनके द्वारा उपचुनाव की कमान संभाले जाने से दमोह में होने वाले घमासान को सशक्त मजबूत ही देने के लिए भाजपा का सटीक कदम कहा जा रहा है.
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस में कोई सुगबुगाहट नहीं
भारतीय जनता पार्टी द्वारा जहां उपचुनाव में प्रभारी की नियुक्ति कर दी गई है, वही पंडित गोपाल भार्गव जैसे कद्दावर नेता को जिले का प्रभारी मंत्री बना दिया गया है. वहीं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस में कोई भी हलचल नजर नहीं आ रही है. ऐसे में कहा जा सकता है कि भाजपा मजबूती के साथ दमोह विधानसभा में काम करना चाहती है, क्योंकि बीते चुनाव में यहां पर भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था और भाजपा के कद्दावर नेता 35 वर्षों से विधायक रहे जयंत मलैया को शिकस्त मिली थी. ऐसे में अब भाजपा आगामी उपचुनाव में इस सीट को एक बार फिर अपने पाले में करना चाह रही है. इसलिए उसकी रणनीति सशक्त बनाई जा रही है, जिसका नमूना प्रभारी मंत्री एवं उप चुनाव प्रभारी की नियुक्ति की जाना माना जा रहा है.

कांग्रेस विधायक राहुल सिंह ने छोड़ा है विधायक पद
दमोह विधानसभा सीट पर कद्दावर नेता जयंत मलैया को चुनाव में शिकस्त देने वाले कांग्रेस के प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी ने कांग्रेस सरकार में तो विधायक पद पर रहते हुए सरकार का अंग बनकर जनता के बीच अपनी पकड़ बनाई. तो वही भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद बीते उपचुनाव के दौरान कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया. वही विधायक पद से इस्तीफा देते हुए भाजपा का कमल थाम लिया था. ऐसे में अब आगामी दिनों में दमोह विधानसभा में उपचुनाव होना है. जिसके लिए भाजपा इस सीट को एक बार फिर जीतना चाहती है. जिसके लिए तैयारी कर रही है और प्रभारी नियुक्त किए जाने के बाद ऐसे चुनावी रणनीति के तौर पर सशक्त नीति कहा जा सकता है.

बीजेपी का प्रत्याशी लगभग तय कांग्रेस को तलाश
बीते उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उन सभी को भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी बनाया था, जो लोग कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. उन्हीं को टिकट देकर के उपचुनाव में उतारा गया था. ऐसे हालात में यह माना जा रहा है कि राहुल सिंह लोधी ही दमोह विधानसभा उपचुनाव के भाजपा प्रत्याशी होंगे. लेकिन ऐसे में दमोह विधानसभा सीट से लगातार 7 बार प्रत्याशी रहे भाजपा के कद्दावर नेता जयंत मलैया का क्या होगा, यह सवाल लाजमी है, तो आगामी दिनों में इसी कारण से टिकट किसे मिलती है यह अभी समय के गर्त में है. तो वहीं कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा, इसके लिए करीब एक दर्जन से भी ज्यादा दावेदार सामने है. आगामी दिनों में दोनों ही प्रमुख दलों से प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के साथ ही इस बात का भी खुलासा हो जाएगा.