अस्पताल की दीवार से टिका हुआ बोर्ड देखकर जगी थी आस, क्या दिव्यांको को शौचालय की समस्या से मिलेगी निजात ?
सिविल अस्पताल में नही है निःशक्तों के लिये शौचालय, महीनों से अस्पताल में टिका हुआ है बोर्ड
आकिब खान / हटा : सरकार भले ही लाख प्रयास कर रही है कि जहां सोच वहां शौचालय बने, लेकिन विभागों में बैठे जिम्मेदार अधिकारी योजना पर अमल करने की बजाए सरकार की इन योजनाओं में पलीता लगाने में लगे हुए हैं. ताजा मामला दमोह जिले की सबसे बड़ी सिविल अस्पताल हटा का है. जहां सिविल अस्पताल में मरीजों के लिए आए दिन असुविधा देखने को मिल रही है. हैरानी की बात यह है कि सिविल अस्पताल में दिव्यांको के लिए शौचालय ही नहीं है. जिससे अस्पताल में आने वाले दिव्यांक मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अस्पताल में आई दिव्यांक महिलाओं को शौचालय जाने पर सबसे ज्यादा शर्मिंदा होना पड़ता है.
दर्जा तो मिला पर नहीं मिली सुविधाएं
अस्पताल को सिविल अस्पताल का दर्जा तो काफी समय पहले मिल गया था, लेकिन वर्षों बाद भी अव्यवस्थाओं का मंजर जस का तस ही बना हुआ है. इन दिनों दिव्यांक शौचालय का अभाव अस्पताल में आए दिव्यांक मरीजों को परेशानी की मुख्य वजह देखा जा रहा है. महीनों से सिविल अस्पताल की दीवार से निर्माण कार्य का बोर्ड टिका हुआ है. जिसमे 72 हजार रुपए की लागत से निःशक्त हेतु रेम्प टॉयलट / बाथरुम बाटर सिस्टम सेनेटरिंग फिटिंग विधुतीकरण सहित निर्माण कार्य किया जाना था, जो कि उपसंचालक सामाजिक न्याय विभाग के अंतर्गत कार्य होना था. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से आज दिनांक तक निर्माण कार्य प्रारंभ नही हो पाया है.
दिव्यांग हो जाते हैं निराश
सिविल अस्पताल में आए दिव्यांक मरीजों का कहना है कि अस्पताल सिर्फ देखने में अच्छा है, लेकिन हमारे लिए सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है. दिव्यांगों के लिए सिविल अस्पताल में शोचायल की व्यवस्था न होना बड़ी बात है. यहां पर रोज ही बड़ी संख्या में दिव्यांग इलाज़ के साथ-साथ दूसरें कामों से भी आतें है. जिसमें उन्हें काफी समय तक अस्पताल परिसर में ही रहना पड़ता है. ऐसे में शोचायल की व्यवस्था नहीं होना परेशानी का सबब है. देखना होगा कि जिला प्रशासन कब इस समस्या से दिव्यांगों को निजात दिलाता है.
बोर्ड तो है लेकिन लेटर नहीं है
वही जब इस संबंध में हमने अस्पताल के सीबीएमओ डॉ पीडी करगैया से बात की तो उनका कहना था कि बोर्ड काफी समय से रखा हुआ है. लेकिन इस संबंध में हमारे पास कोई लेटर या जानकारी नही आई है. निर्माण कार्य कब और कहा किया जाना है.