क्या कांग्रेस के हुए अवधेश ? ऐसे ही हुई मुलाकात या कारण है विशेष !
दमोह : दमोह की राजनीति में लगातार ही उठापटक का दौर जारी है. जहां कांग्रेस के जनप्रतिनिधि हाथ का साथ छोड़ कर भाजपा का कमल धाम रहे हैं, तो वही उपचुनाव के पहले भाजपा समर्थित जनप्रतिनिधि अब कांग्रेस के पाले में जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. अभी उप चुनाव की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि दमोह विधानसभा में आगामी दिनों में उपचुनाव होगा और दमोह विधानसभा की जनता अपने विधायक का चुनाव करेगी. ऐसे में कौन सी पार्टी का कौन सा प्रत्याशी मैदान में होगा, यह तो पार्टी की घोषणा के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा. लेकिन इसके पहले एक और सियासी फेरबदल देखने में आ रहा है. जिसमें भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य अवधेश प्रताप सिंह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेताओं के साथ फोटो में नजर आ रहे हैं. ऐसे में क्या माना जाए की अवधेश प्रताप सिंह कमल का फूल छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है ?

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से की मुलाकात
सोशल मीडिया पर वायरल हुई फोटो के मुताबिक भाजपा के समर्थित जिला पंचायत सदस्य मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के करीबी वर्तमान सांसद और केंद्रीय संस्कृति पर्यटन मंत्री के करीबी माने जाने वाले अवधेश प्रताप सिंह कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष वरिष्ठ नेता कमलनाथ के साथ नजर आ रहे हैं. साथ ही उनको गुलदस्ता भेंट कर रहे हैं. इसके साथ ही दूसरी फोटो में वे कांग्रेस सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पास खड़े हुए एक फोटो में दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में क्या माना जाए कि अवधेश प्रताप सिंह ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. यह तो स्वयं वे ही बता सकते हैं, लेकिन जो फोटो वायरल हुई है, उसके लिहाज से दमोह की राजनीति में बड़े उलटफेर की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता.

कौन होगा कांग्रेस का प्रत्याशी
आगामी विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी से कई वरिष्ठ नेता दावेदार हैं. कुछ ही दिनों पहले भोपाल में हुई एक बैठक के बाद मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक जिला कांग्रेस कमेटी के वर्तमान अध्यक्ष अजय टंडन और पूर्व अध्यक्ष रतन चंद जैन के नाम पर सबसे ज्यादा सहमति जताई जाना खबर में सामने आया था. तो वहीं अब भाजपा के युवा नेता अवधेश प्रताप सिंह द्वारा कांग्रेस के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों से मुलाकात किया जाना क्या संकेत देता है ? क्योंकि कोई भी नेता तब ही किसी दूसरी पार्टी में सदस्यता लेता है, जब उसे कोई बड़ा फायदा मिलने की आशा होती है या आश्वासन मिलता है. ऐसे में कांग्रेस के विधानसभा उम्मीदवार को लेकर एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है, और नए समीकरण बनने की संभावनाएं नजर आने लगी है.
